आप सभी सुधी पाठकजनों को कविताकोश योगदानकर्ता मंच परिवार की ओर से नव वर्ष ''२०१२'' की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ढेरों बधाइयाँ।
नये वर्ष! कुछ ऐसा वर दो।
नये वर्ष! कुछ ऐसा वर दो।
मंगलमय यह जीवन कर दो।
विद्या विनय बुद्धि का स्वर दो ।
बढे आत्मबल ऐसा कर दो।
नये वर्ष! कुछ ऐसा वर दो।
भेद भावना को हटवा दो।
जीवन को आदर्श बना दो।
भब्य भावना लिंगित कर दो।
अतुल ज्ञान दे साहस भर दो।
नये वर्ष! कुछ ऐसा वर दो।
जड़ता तिमिर हृदय का हर लो।
ज्ञान प्रभा आलोकित कर दो।
क्रन्दन करूण छात्र का हर लो।
नव स्फूर्ति उमंगी भर दो।
नये वर्ष! कुछ ऐसा वर दो।
भौतिक बल बौद्धिक गरिमा दो।
स्नेह प्रेम का पाठ पढा दो ।
हंस वाहिनी से मिलवा दो।
हम अंधो को ज्योति दिखा दो।
नये वर्ष! कुछ ऐसा वर दो।
(लगभग 25 वर्ष पूर्व अपने छात्र जीवन में लिखी यह रचना दैनिक ‘अमर उजाला’ के रविवारीय बरेली संस्करण में वर्ष 1983 में प्रकाशित हुयी थी)
आप सभी सुधी पाठकजनों को कविताकोश योगदानकर्ता मंच परिवार की ओर से नव वर्ष ''२०१२'' की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ढेरों बधाइयाँ।
बहुत अच्छी कामना की है आपने इस रचना में!
जवाब देंहटाएंउत्तरायणी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!