कविता कोश में उपलब्ध पन्नों की गोल्डन जुबली!
Posted: 28 Nov 2011 11:35 PM PST
कविता कोश ब्लाग पर ललित कुमार का आलेख
About ललित कुमार
ललित कुमार कविता कोश परियोजना के संस्थापक व प्रशासक हैं।
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आज कविता कोश ने एक और बड़ा और परियोजना की प्रगति के लिहाज से बेहद महत्तवपूर्ण मुकाम हांसिल कर लिया है। आज कविता कोश में उपलब्ध पन्नों की संख्या 50,000 के आंकड़े को पार कर गई।
पचास हज़ार पन्नों की हिन्दी वेबसाइट अपने-आप में एक उपलब्धि है। भारतीय काव्य को एक जगह जुटाने के इस महती प्रयास में कई योगदानकर्ताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जो शुरुआत में असंभव लगता था। कविता कोश को यहाँ तक लाने में जिन योग्यताओं की ज़रूरत थी –उन योग्यताओं को धारण करने वाले लोग कोश को मिलते चले गए और यही कारण है कि आज कविता कोश को हिन्दी की सर्वोत्तम और सर्वाधिक लोकप्रिय अव्यवसायिक वेबसाइट कहा जा सकता है (हालांकि यह केवल मेरा मत है –इस तरह का कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ है जो तथ्यों पर आधारित हो।)
कोश को ऐसे लोग मिले जिनमे नेतृत्व, तकनीक व साहित्य की समझ और संगठनात्मक योग्यताएँ हैं। हालांकि इन सबसे अधिक ज़रूरी चीज़ इस परियोजना के प्रति समर्पण और इसके विकास के प्रति एक जुनून का होना है। एक और चीज़ जो इस परियोजना के पक्ष में रही है वो ये कि कविता कोश की योजना और संगठन में समय के साथ बदलाव आए हैं और ज़रूरत के मुताबिक यह परियोजना अपने-आप को ढालने में सफ़ल रही है।
कोश को यहाँ तक लाने में सर्वश्री अनिल जनविजय, प्रतिष्ठा शर्मा, धर्मेंद्र कुमार सिंह, नीरज दइया, अशोक शुक्ल, द्विजेन्द्र द्विज, आशीष पुरोहित, प्रकाश बादल, श्रद्धा जैन, प्रदीप जिलवाने और हिमांशु के नाम सर्वोपरी हैं। हिन्दी भाषियों को इन सभी समर्पित और जुनूनी योगदानकर्ताओं का अभिनंदन करना चाहिए।
आशा है कि जल्द ही कविता कोश को आर्थिक सहायता मिलने लगेगी। इसके बाद इस परियोजना पर कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उचित आर्थिक मानदेय दिया जाएगा। कुछ लोगों के समर्पण ने एक असंभव को संभव कर दिखाया है –अब यह हिन्दी भाषियों का कर्तव्य बनता है कि वे इन लोगों के कार्य को सराहते हुए उनके कार्य को आगे बढ़ाने में हर संभव सहायता दें।
कविता कोश ब्लाग पर ललित कुमार का आलेख
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